एकाग्रता कैसे बढ़ाये-How to Improve Concentration
वैसे तो हस्त मुद्राए कई प्रकार की होती है और सबके अलग-अलग Benefits of fitness है लेकिन यौगिक द्रष्टि से योग मुद्रा को भी एक ख़ास महत्व मिला है हालांकि तंत्र-शास्त्र में इसका अलग-महत्व है लेकिन योनी मुद्रा प्राण-वायु के लिए उत्तम मानी गई है और यह बड़ी Wondrous Mudra (चमत्कारिक मुद्रा) है ये Yonimudra Yoga (योनि हस्त-मुद्रा योग) के निरंतर अभ्यास के साथ मूलबंध क्रिया भी की जाती है योनि मुद्रा को तीन तरह से किया जाता है ध्यान के लिए अलग है और सामान्य मुद्रा अलग है लेकिन यहां How to Improve Concentration (एकाग्रता कैसे बढ़ाये)-
How to Concentrate (कैसे ध्यान केंद्रित करें)-
पहले किसी भी Sukhaasn (सुखासन) की स्थिति में बैठ जाएं फिर दोनों हाथों की अंगुलियों का उपयोग करते हुए सबसे पहले दोनों कनिष्ठा अंगुलियों को आपस में मिलाएं और दोनों अंगूठे के प्रथम पोर को कनिष्ठा के अंतिम पोर से स्पर्श करें इसके पश्चात् फिर कनिष्ठा अंगुलियों के नीचे दोनों मध्यमा अंगुलियों को रखते हुए उनके प्रथम पोर को आपस में मिलाएं- मध्यमा अंगुलियों के नीचे अनामिका अंगुलियों को एक-दूसरे के विपरीत रखें और उनके दोनों नाखुनों को तर्जनी अंगुली के प्रथम पोर से दबाएं-
Mudras for Health (स्वास्थ्य के लिए मुद्राएं)-
योनि मुद्रा बनाकर और पूर्व मूलबंध की स्थिति में सम्यक् भाव से स्थित होकर प्राण-अपान को मिलाने की प्रबल भावना के साथ मूलाधार स्थान पर यौगिक संयम करने से कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं-
अंगूठा शरीर के भीतर की अग्नि को कंट्रोल करता है और तर्जनी अंगुली से वायु तत्व कंट्रोल में होता है तथा मध्यमा और अनामिका शरीर के पृथ्वी तत्व को कंट्रोल करती है.कनिष्ठा अंगुली से जल तत्व कंट्रोल में रहता है-
इसके निरंतर अभ्यास से जहां सभी तत्वों को लाभ मिलता है वहीं इससे इंद्रियों पर नियंत्रण रखने की शक्ति बढ़ती है. इससे मन को एकाग्र करने की योग्यता का विकास भी होता है.
यह शरीर की Negative Energy (नकारात्मक ऊर्जा) को समाप्त कर Affirmative (सकारात्मक) का विकास करती है. इससे हाथों की मांसपेशियों पर अच्छा खासा दबाव बनता है जिसके कारण मस्तिष्क, हृदय और फेंफड़े स्वस्थ बनते हैं.धीरे-धीरे आपका मन भी पूर्णरूप से एकाग्रता की ओर बढ़ता है-