जाने कश्मीर क्यों है खास

पाकिस्तान में पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर कहा जाता है और यह सदा से हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच में एक बहुत बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बना हुआ है। पाक अधिकृत कश्मीर से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं जो आम भारतीय जनता नही जानती है चलिए हम आपको बताते हैं इन तथ्यों के बारे में...
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन POK को पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटर कश्मीर के नाम से जानती है। पाक अधिकृत कश्मीर की अधिकतर सीमाएं चीन और अफगानिस्तान के साथ लगी हुई है।



पाक अधिकृत कश्मीर को ब्रिटिश के द्वारा कभी संचालित नही किया गया क्योंकि ब्रिटिश शासन के समय में जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह यहाँ राज करते थे। उसी के लिहाज से पाक अधिकृत कश्मीर को कभी भी सीधे तौर पर ब्रिटिश शासन ने अपने अधीन नही किया।



भारत और पकिस्तान के बटवारे के बाद महाराजा हरी सिंह जम्मू कश्मीर को एक अलग रियासत में रखना चाहते थे इसलिए वह न तो भारत के साथ जुड़े और न ही पकिस्तान के साथ।



कुछ समय के बाद पठान जनजाति ने जम्मू और कश्मीर पर हमला कर दिया और घुसपैठ बढ़ गई। जिसके अलग-अलग साक्ष्य में इतिहास दर्ज हैं।



कश्मीर का कुल क्षेत्रफल 13297 वर्ग किमी है यहाँ की आबादी का अनुमानित 4.6 मिलियन है पाक अधिकृत कश्मीर मुजफ्फराबाद के पास है।



पठानों की घुसपैठ के बाद महाराजा हरी सिंह ने लॉर्ड मांउटबेटन जो की उस समय भारत के गवर्नर थे मदद के लिए एक पत्र लिखा पत्र के जवाब में मांउटबेटन ने जम्मू और कश्मीर की मदद करने के लिए हाँ कर दी और 26 अक्टूबर 1947 को हरी सिंह ने भारत के साथ विलय कर लिया।



26 अक्टूबर को कश्मीर में जश्न मनाया गया और बहुत सारे पटाखे फोड़े गए और भारतीय राष्ट्रगान को भी गाया गया और भारतीय झंडा भी फहराया गया।



दूसरी तरफ कश्मीरी अलगाववादियों के लिए यह दिन काला माना गया।



पाक अधिकृत कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र में है जिसे आप नक्शे में देख सकते है जिसे पकिस्तान ने चाइना को 1963 में दे दिया। यह माना जाता है कि पाकिस्तान ने यह हिस्सा चाइना को तोहफे में दे दिया था।



पाकिस्तान यह दावा करता है कि वहाँ पर उन्होंने लेजिस्लेटिव एसेंबली का निर्धारण किया है। यह सब एक दिखावा है।



पाक अधिकृत कश्मीर मुख्य रूप से पाकिस्तानी राष्ट्रपति के अंतर्गत आता है लेकिन वहाँ पर एक अलग से प्रधानमंत्री का चुनाव किया जाता है जो चीफ एग्जिक्यूटिव के रूप में काम करता है।



पाक अधिकृत कश्मीर में अलग से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी है।



लश्कर-ए-तैयबा पाक अधिकृत कश्मीर का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है और इसके वहां पर कई ट्रेंनिग सेंटर हैं।



26/11 हमलों के दौरान पकड़ा गया आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब भी मुजफ्फराबाद जो पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी है वही का रहने वाला था।



कश्मीर में न तो कोई मीडिया है और न ही कोई समाज सेवा संगठन। वहाँ सब कुछ पाकिस्तानी हुकूमत के द्वारा निर्धारित किया जाता है। वहाँ की जनता को अपनी आवाज उठाने की कोई आजादी नही है।



पाक अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आजाद कश्मीर रेडियो ही चलाया जाता है और वहाँ की जनता कश्मीर रेडियो चैनल चलाकर अपना मनोरंजन करती है।



पाक अधिकृत कश्मीर की मुख्य आबादी खेती पर निर्भर करती है यहाँ पर आने वाले टूरिस्म को व्यापार के रूप में देखा जाता है।



1971 की लड़ाई को छोड़कर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई के बहुत कारण रहे हैं।
आपको बता दें कि यह विवाद किसी भी रुप से कोई आर्थिक मूल्य नहीं रखता। लेकिन फिर भी दोनों देशों के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ था कोई भी गवर्नमेंट इस मुद्दे पर सहजता से बात करने के लिए तैयार नहीं हैं।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यूनाइटेड नेशंस के द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर को समझाने की कोशिश की थी लेकिन यह मुद्दा सुलझ नहीं पाया।


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